Fuel Injection System Keya hai? Fuel Injection System in Hindi

हम जब गाड़ी चलते हैं तब गाड़ी मन बोहोत सरे ऐसे क्रिया होती है जिस बारे मैं हम सबको पता नहीं होता है. वैसा ही १क सिस्टम है फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम और आज इसी आर्टिकल मैं में आपको फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम किया है उसके ऊपर चर्चा करूँगा.

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फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम किया है

फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम मतलब पेट्रोल और डीजल गाड़ी मैं फ्यूल को सिलिंडर के अंदर इंजेक्ट करना. अगर फ्यूल गाड़ी मैं नहीं होगा तो गाड़ी मैं पावर कभी भी गेनेराते नहीं होगा. और इसी फ्यूल को हम फॉसिल फ्यूल भी कहते हैं. गाड़ी मैं एयर की मात्रा के ऊपर देपेंद कर के फ्यूल को इंजेक्ट किया जाता है.

पहले के गाड़िओ मैं आप देखंगे की कार्बोरेटर इंजन था जिसमे कार्बोरेटर को उसे किया जाता था मेचानिकल्ल्य फ्यूल को सिलिंडर के अंदर इंजेक्ट करने के लिए लेकिन जब टेक्नोलॉजी ने अपना कदम ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की और बढ़ाया है तब से फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम बीएस-६ गाड़िओ मैं देखे जाने लगे.और ये फ्यूल इंजेक्शन बोहोत सरे फैक्टर्स के ऊपर देपेंद करता है पहले मेचानिकल्ल्य काम करता था लेकिन अभी सेंसर्स ा गए है तो प्रेसीसे वर्क होता है अभी और उसी हिसाब से गाड़ी का पावर गेनेराते होता है. तो आगे पढ़िए की फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम काम कैसे करता है.

फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम काम कैसे करता हैं?

फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम गाड़ी मैं बोहोत सरे सेंसर्स और एक्टुएटर्स के ऊपर देपेंद करता है. और ये सरे सेंसर्स हेल्प करता है गाड़ी मैं अच्छे से फ्यूल का संचार करने के लिए. पहले तो एक(इलेक्ट्रिकल कण्ट्रोल यूनिट) जो की इंजन और गाड़ी के ऊपर सरे गतिबिधि के ऊपर देपेंद कर के आउटपुट देता है.

एक २नो तरह से काम करता है इनपुट लेता है सब सेंसर से और एक्टुएटर्स को आउटपुट देता है. पहले तो फ्यूल टैंक से निकल के फ्यूल लाइन मैं भेजा जाता है ये काम फ्यूल पंप करता है उसके बाद ये पंप करेक्ट प्रेशर मैं हर एक इंजेक्टर मैं फ्यूल को प्रेशर मैं भेजता है.

फ्यूल का प्रेशर और फ्यूल का क्वांटिटी डिटेक्ट करने के लिए बोहोत सरे सेंसर्स और फ्यूल प्रेशर गेज का इस्तेमाल किया जाता है अगर करेक्ट प्रेशर मैं फ्यूल को इंजेक्ट न किया गया तो लाइन क्लोज हो सकता है. किसी किसी गाड़ी मैं फ्यूल रेल का इस्तेमाल किया जाता है फ्यूल को अच्छे से सब इंजेक्टर मैं डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए.

फ्यूल जब हाई प्रेशर मैं सिलिंडर के अंदर इंजेक्ट किया जाता है तब एयर के साथ घुल मिल के स्पार्क प्लग के मदत से िया नहीं तो एयर के प्रेशर मैं िगणिते किया जाता है. तो इस प्रकार से फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम काम करता है.

फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम का कंपोनेंट्स

१क फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम मैं बोहोत सरे ऐसा कॉम्पोनेन्ट उसे किया जाता है जो की इस प्रक्रिया को सही से इस्तेमाल करने का अथॉरिटी देता है. ये सरे कंपोनेंट्स १क साथ काम करता है टेक फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम अच्छे से काम कर सके इंजन मैं.

तो ये सरे कंपोनेंट्स और उसके इस्तेमाल इंजन मैं कैसे किया जाता है वो देखते हैं

१. फ्यूल टैंक- पहले तो फ्यूल टैंक फ्यूल टैंक गाड़ी मैं उसे किया जाता है ताकि फ्यूल को रिज़र्व किया जाये. इस फ्यूल टैंक मैं से फ्यूल को सप्लाई किया जाता है.

२. फ्यूल पंप- फ्यूल पंप को फ्यूल टैंक मैं इनस्टॉल किया जाता है फ्यूल पंप उसे किया जाता है फ्यूल को हाई प्रेशर मैं सभी इंजेक्टर तक भेजने मैं. और ये फ्यूल पंप सिर्फ फ्यूल को सूचक करने का काम नहीं करता है ये फ्यूल को प्रेससुरिसे करके फ्यूल का टेम्परेचर भी हाई कर देता है.

३. इंजेक्शन पंप- इंजेक्शन पंप उसे किया जाता है फ्यूल को हाई-प्रेशर मैं सिलिंडर के अंदर इंजेक्ट करना. फ्यूल पंप फ्यूल को टैंक से इंजेक्टर तक भेजने काम करता है और इंजेक्टर पंप फ्यूल को इंजेक्ट करने का मदत करता है.

४. गवर्नर- गवर्नर १क एक्टुएटर है जिसका काम है फ्यूल को ठीक से सभी इंजेक्टर मैं संचार करना. गवर्नर एक से सिग्नल लेता है और इंजन लोड एंड व्हीकल लोड के ऊपर देपेंद करके फ्यूल को इंजेक्ट करता है. असली मैं गवर्नर का काम है सभी इंजेक्टर मैं इंजन कंडीशन के ऊपर देपेंद करके फ्यूल को सप्लाई करना.

५. फ्यूल इंजेक्टर- फ्यूल इंजेक्टर सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट कॉम्पोनेन्ट है फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम मैं. फ्यूल इंजेक्टर फ्यूल को इंजेक्ट करने के साथ साथ फ्यूल को अटॉमीज़े भी करता है. फ्यूल इंजेक्टर के डिज़ाइन अलग अलग होता है इंजन के कंडीशन के ऊपर देपेंद करता है.

६. फ्यूल फ़िल्टर- फ्यूल undefined १क और इम्पोर्टेन्ट कॉम्पोनेन्ट है फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम मैं. फ्यूल undefined अभी फ्यूल पंप के अंदर ही होता इसमें फ्यूल के जो डर्ट पार्टिकल्स होता है उसको undefined किया जाता है.

ये सरे कंपोनेंट्स इंजन फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम मैं मदत करता है.

फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम कितने प्रकार के होते हैं?

फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम बोहोत प्रकार के होते हैं. इंजन के डिज़ाइन और ेनिगने के प्रकार के ऊपर देपेंद करके फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम चूसे किया जाता है. सिर्फ डिज़ाइन के ऊपर नहीं हाई परफॉरमेंस इंजन डेली उसे इंजन और ऐसा बोहोत सरे फैक्टर्स के ऊपर देपेंद करके डिफरेंट फि सिस्टम को उसे किया जाता है.

तो ऐसे कुछ डिफरेंट फि सिस्टम है-

१. थ्रोटल बॉडी फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम- थ्रोटल बॉडी फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम को हम सिंगल-पॉइंट फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम भी बोलते हैं. इसमें फ्यूल को १क ही सिंगल पॉइंट मैं इंजेक्ट किया जाता है जहा पर फ्यूल और एयर का मिश्रण करावा जाता है. इस प्रक्रिया मैं १क थ्रॉटले बॉडी होता है जिसको हम अस ा एयर-फ्यूल मिक्सचर पॉइंट भी कहे सकते हैं.

इस प्रक्रिया मैं ज्यादा से ज्यादा मेंटेनेंस कॉस्ट अत है और इसमें बोहोत सरे लिमिट्स रहते हैं जैसे फ्यूल के प्रेशर को डिटेक्ट नहीं किया जा सकता है सही टाइम मैं फ्यूल को इंजेक्ट करने मैं प्रॉब्लम अत है. और १क समस्या यह है की फ्यूल एफसीएनसी को बोहोत ही ज्यादा हैंपर करता है.

२. मुलती पॉइंट फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम- मुलती पॉइंट फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम मैं बोहोत सरे इंजेक्टर्स को १क साथ १क लाइन मैं उसे किया जाता है. यह १क एडवांस सिस्टम है थ्रोटल बॉडी फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम से. इस सिस्टम मैं ४ या फिर इस से ज्यादा इंजेक्टर को १क साथ मैं १क ही लाइन मैं उसे किया जाता है.

इस सिस्टम मैं १क प्रॉब्लम यह था की इसमें से आपको ुंबूरन फ्यूल देखने मिलता था एग्जॉस्ट सिस्टम मैं. और १क प्रॉब्लम इसमें यह है की हाई थ्रोटल टाइम मैं कभी कभी यह सिस्टम बोहोत ही ज्यादा लग करता है.

३. सेकेंटिअल फ्यूल इंजेक्शन- स्क्वेंतिअल फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम मैं फ्यूल को १क सीक्वेंस मैं इंजेक्ट किया जाता है. यह सिस्टम अभी सभी गाड़िओ मैं उसे किया जाता है और यह सिस्टम मैं पूरा सेंसर्स और एक्टुएटर्स का इस्तेमाल किया जाता है.

मॉडर्न डे मैं जितने भी गाड़ियां मार्किट मैं लांच होता है उसमे सेकेंटिअल फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम को उसे किया जाता है.

४. डायरेक्ट फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम- डायरेक्ट फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम मैं फ्यूल को डायरेक्टली सिलिंडर के अंदर इंजेक्ट किया जाता है. ज्यादातर डीजल गाड़ी मैं डायरेक्ट फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम का उसे किया जाता है. फ्यूल को हॉट एयर के ऊपर इंजेक्ट किया जाता है ताकि अच्छे से बुरण हो सके.

ये था बेसिक कुछ टाइप्स जो की गाडिओं मैं उसे किया जाता है.

फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम के अडवांटागेस

कार्बोरेटर सिस्टम के बाद फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम मार्किट मैं आया था. तो यह सिस्टम मैं बोहोत सरे फायदे हैं. तो अवंतागेस किया किया है dekh लेते हैं-

  1. गाड़ी मैं फ्यूल एफिशिएंसी को इनक्रीस करने मैं मदत करता है
  2. सेंसर्स के मदत से सही मात्रा मैं हवा और फ्यूल का उसे किया जाता है.
  3. इस सिस्टम मैं इंजन का परफॉरमेंस और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
  4. एमिशन सिस्टम कण्ट्रोल मैं रहता है इस सिस्टम मैं.
  5. ठंडी मैं गाड़ी को जल्द स्टार्ट करने मैं मदत मिलता है.
  6. कार्बोरेटर इंजन के हिसाब मैं मेंटेनेंस कॉस्ट बोहोत काम है.

कन्क्लूसिओं

आंत मैं फि सिस्टम गाड़ी मैं उसे किया जाता है गाड़ी का फ्यूल इकॉनमी को इनक्रीस करने मैं और गाड़ी मैं अच्छे से फ्यूल का संचार करने मैं. अभी मॉडर्न डेज मैं ंपफी सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है और डीजल गाड़ी मैं डायरेक्ट फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम का उसे किया जाता है.


अगर यह आर्टिकल आपको इन्फोर्मटिवे लगा तो आप कमेंट करके जरूर बताना.

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